ढाका। बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को लेकर वहां की कोर्ट फैसला सुनाने वाली है। इससे ठीक पहले बीते दो दिनों से देश में आगजनी और क्रूड बम हमलों से तनाव फैल गया है। इन हिंसक घटनाओं ने 2024 के अशांत छात्र विरोध प्रदर्शनों की यादें ताजा कर दी हैं, जिनमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। गुरुवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका एक किले में तब्दील हो गई, क्योंकि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने ढाका लॉकडाउन का आह्वान किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को बड़ी संख्या में तैनात किया है। ढाका के प्रवेश बिंदुओं पर कई चौकियां स्थापित की हैं और सार्वजनिक वाहनों की गहनता से जांच की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के आसपास भी कड़ी कर दी है। बता दें यही अदालत शेख हसीना और उनके शीर्ष सहयोगियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर फैसला सुनाने की तारीख तय करेगा। बता दें हसीना पिछले साल अगस्त में भारत में शरण लेने आई थीं। उनपर हत्या और साजिश सहित दर्जनों आरोप हैं।
राजनीतिक तनाव ने ढाका में जनजीवन ठप कर दिया है और आगजनी और क्रूड बम हमलों की घटनाएं कई शहरों तक फैल गई हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने हिंसा के लिए अवामी लीग समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है। ब्राह्मणबारिया में ग्रामीण बैंक की एक शाखा को आग लगा दी गई, जिससे फर्नीचर और दस्तावेज पूरी तरह नष्ट हो गए। बता दें कि बांग्लादेश के इस ग्रामीण बैंक की स्थापना मुहम्मद यूनुस ने 1983 में गरीबों को माइक्रो-क्रेडिट प्रदान करने के लिए की थी। यूनुस वर्तमान में बांग्लादेशकी अंतरिम सरकार के प्रमुख हैं।
बांग्लादेश में शेख हसीना पर कोर्ट का फैसला आने से पहले हिंसा व क्रूड बम हमले
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