Friday, December 19, 2025
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मध्यप्रदेश के बीड़ी श्रमिकों को मुख्यधारा के रोजगार से जोड़ा जाय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के बीड़ी श्रमिकों को रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए वन विभाग से समन्वय कर समुचित समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के तेंदूपत्ता से पश्चिम बंगाल में बीड़ी उद्योग फल-फूल रहा है और स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। राज्य के तेंदूपत्ता संग्राहकों और बीड़ी बनाकर आजीविका चलाने वाले हजारों परिवारों को रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ा जायेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तेंदूपत्ता मध्यप्रदेश की संपत्ति है। इससे मिलने वाला रोजगार यहीं के लोगों को मिलना चाहिए। बीड़ी श्रमिकों को फिर से रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को खजुराहो में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बीड़ी बनाने वाले परिवारों को लगातार और बेहतर काम उपलब्ध कराया जाएगा। महिलाओं के रोजगार और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा और आवश्यक सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि तेंदूपत्ता आधारित बीड़ी उद्योग से जुड़ा हर परिवार सम्मानजनक और स्थायी आय प्राप्त करे। राज्य की वन उपज का लाभ अब सीधे हमारे ही श्रमिकों को मिले।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह पहल उन सभी परिवारों के जीवन में फिर से उजाला लाने की दिशा में एक ठोस कदम होगा, जो वर्षों से तेंदूपत्ता और बीड़ी निर्माण से जुड़े रहकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान देते आए हैं।

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की उपलब्धियाँ

  • निवेश आकर्षण में सफलता, जीआईएस और आरआईसी के माध्यम से 12.70 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव।

  • पिछले दो वर्षों में 327 एमएसएमई और बृहद इकाइयों में उत्पादन प्रारम्भ, 40,516 रोजगार सृजित।

  • उद्योगों को 4,977 करोड़ रुपये की सहायता और सुविधाएँ वितरित।

  • BRAP 2024 में चार श्रेणियों में सम्मान, ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में शीर्ष प्रदर्शन।

  • 108 अपराध मुक्त अनुपालनों से न्यायालय का भार कम, 2700 से अधिक अनुपालन सरल या कम किए गए।

निवेश उपलब्धियाँ

  • 2.48 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को भूमि आवंटन, 2.85 लाख रोजगार संभावित।

  • 229 इकाइयों में निर्माण प्रारम्भ, 81,206 रोजगार संभावित।

  • साधिकार समिति द्वारा 105 प्रकरणों का त्वरित समाधान।

  • 18,685 करोड़ रुपये के 43 प्रोजेक्ट्स को कस्टमाइज्ड पैकेज स्वीकृत, 21,835 रोजगार संभावित।

औद्योगिक अधोसंरचना विकास

  • 26 नए औद्योगिक पार्क और क्लस्टर (4000 हेक्टेयर) स्वीकृत।

  • पीएम मित्रा पार्क के लिए 873 हेक्टेयर स्वीकृत।

  • Mohasa Babai RE Park: प्रथम चरण 884 एकड़ और द्वितीय चरण 750 एकड़।

  • 33 औद्योगिक क्षेत्रों में उन्नयन के लिए 536 करोड़ रुपये स्वीकृत।

  • 4 वर्किंग वुमन हॉस्टल, 5772 बेड क्षमता स्वीकृत।

निवेश प्रोत्साहन एवं राज्य छवि निर्माण

  • जीआईएस 2025 का सफल आयोजन, प्रदेश का सबसे बड़ा निवेश शिखर सम्मेलन।

  • 72 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निवेश कार्यक्रम आयोजित।

  • 8 क्षेत्रीय और 15 राष्ट्रीय संवाद-सत्र आयोजित

नीति एवं आईटी आधारित सुधार

  • उद्योग, लॉजिस्टिक्स और निर्यात की 3 नई नीतियाँ लागू।

  • इंवेस्ट पोर्टल के माध्यम से इंवेस्टर लाइफ साइकल सर्पोट।

  • Faceless No Query Incentive प्रणाली लागू।

  • GIS आधारित ऑनलाइन भूमि आवंटन और Know Your Approvals सुविधा।

संस्थागत उपलब्धियाँ

  • 5 नए क्षेत्रीय कार्यालय और कोयंबटूर (तमिलनाडु) में व्यापार विस्तार कार्यालय।

  • हर जिला कलेक्टर कार्यालय में निवेश केंद्र स्थापित।

  • महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में कार्य की अनुमति।

औद्योगिक एवं निर्यात संवर्धन की दिशा में व्यापक कार्ययोजना

  • प्रमुख सचिव श्री राघवेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य को वैश्विक निवेश गंतव्य बनाने के लक्ष्य के साथ औद्योगिक एवं निर्यात संवर्धन की दिशा में व्यापक कार्ययोजना लागू की जा रही है।

  • वर्ष 2028-29 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 25.3 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने और निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

  • व्यापार सुगमता के लिए आधुनिक, कम लागत एवं सुदृढ़ लॉजिस्टिक्स नेटवर्क विकसित किया जा रहा है।

  • प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी भाग में इनलैंड कंटेनर डिपो विकसित किए जा रहे हैं, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

  • लॉजिस्टिक्स अधोसंरचना विकास में निजी डेवलपर्स को प्रोत्साहन दिया जा रहा है और राज्य लॉजिस्टिक्स प्लान तैयार किया जा रहा है।

  • अमेरिका, जापान और यूके जैसे लक्षित बाजारों से एफडीआई आकर्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे प्रदेश को औद्योगिक और निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त हो।

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