नई दिल्ली। बांग्लादेश के उभरते नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की हत्या को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव चरम पर है। बांग्लादेश पुलिस ने हाल ही में दावा किया था कि हादी की हत्या में शामिल आरोपी भारतीय सीमा पर कर भागे हैं। लेकिन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर इन्हें झूठा, मनगढ़ंत और गुमराह करने वाल बताया है। बीएसएफ के मेघालय, त्रिपुरा और असम रीजन की यूनिट्स ने संयुक्त रूप से बांग्लादेश के आंतरिक सुरक्षा विभाग के दावों को नकारा है। बीएसएफ ने स्पष्ट किया कि भारतीय सीमा पर तैनात बलों ने स्पष्ट किया है कि मेघालय या आसपास के सेक्टरों में किसी भी तरह की अवैध आवाजाही या गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) ने आधिकारिक तौर पर ऐसी किसी घटना या घुसपैठ की सूचना भारतीय पक्ष को नहीं दी है। बीएसएफ ने तर्क दिया कि बांग्लादेश में व्यापक सीसीटीवी नेटवर्क और चेकपॉइंट होने के बावजूद आरोपियों का आसानी से सीमा पार कर जाना तार्किक रूप से संभव नहीं लगता।
बात दें कि बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाया था कि मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख हलुआघाट सीमा के रास्ते भारत में दाखिल हुए हैं। गौरतलब है कि 32 वर्षीय उस्मान हादी को 12 दिसंबर को गोली मारी गई थी, जिसके बाद 18 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
कौन थे उस्मान हादी?
उस्मान हादी ढाका यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के छात्र थे और जुलाई आंदोलन के दौरान एक प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे थे। उन्होंने बांग्लादेशी सेना और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की नीतियों के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाई थी, जिसके चलते वे विवादों और चर्चाओं के केंद्र में थे।



